HINDI QUIZ 13.10.2020
1.निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिएः
1.भारत ने ओडिशा के तट से दूर व्हीलर द्वीप से रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) द्वारा विकसित एक सुपरसोनिक मिसाइल असिस्टेड रिलीज़ ऑफ़ टॉरपीडो (SMART) तंत्र का उड़ान परीक्षण सफलतापूर्वक किया।
2.इसे DRDL, RCB हैदराबाद, ADRDE आगरा और NSTL विशाखापत्तनम सहित कई DRDO प्रयोगशालाओं द्वारा विकसित किया गया है ।
उपर्युक्त में से कौन सा कथन सत्य है?
A. केवल 1
B. केवल 2
C. 1 व 2, दोनों
D. दोनों कथन असत्य है।
2.निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिएः
1.भारत-म्यांमार के बीच सित्तवे बंदरगाह के संचालन पर सहमति.
2.यह भारत द्वारा म्यांमार में राखीन राज्य की राजधानी सिटवे में वर्ष 2013 में निर्मित एक गहरे पानी वाला बंदरगाह है।
3.यह बंदरगाह कलादान नदी के मुहाने पर स्थित है और इसका भारत द्वारा कलादान बहु-मॉडल पारगमन परिवहन परियोजना के एक भाग के रूप में वित्तपोषण किया जा रहा है।
उपर्युक्त दिया गया कौन सा कथन सही हैं ?
A. 1 और 2 सही हैं
B. 1 और 3 सही हैं
C. 2 और 3 सही हैं
D. उपर्युक्त सभी सही हैं
ANSWERS:-
उत्तरः 1)A
व्याख्या
भारत ने ओडिशा के तट से दूर व्हीलर द्वीप से रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) द्वारा विकसित एक सुपरसोनिक मिसाइल असिस्टेड रिलीज़ ऑफ़ टॉरपीडो (SMART) तंत्र का उड़ान परीक्षण सफलतापूर्वक किया। वर्ष 2010 के मध्य में, DRDO ने मिसाइलों द्वारा समर्थित टॉरपीडो प्रक्षेपित करने की क्षमता बनाने के लिए एक परियोजना शुरू की थी।
SMART प्रणाली क्या है?
- SMART तंत्र में एक तंत्र शामिल है जिसके द्वारा टारपीडो को सुपरसोनिक मिसाइल प्रणाली से संशोधनों के साथ प्रक्षेपित किया जाता है जो टारपीडो को अपने से कहीं अधिक लंबी दूरी तक ले जाएगा ।
- उदाहरण के लिए, कुछ किलोमीटर की दूरी वाले एक टारपीडो को मिसाइल प्रणाली द्वारा 1000 किमी की दूरी तक भेजा जा सकता है जहां से टारपीडो लॉन्च किया जाता है।
- इसे DRDL, RCI हैदराबाद, ADRDE आगरा और NSTL विशाखापत्तनम सहित कई DRDO प्रयोगशालाओं द्वारा विकसित किया गया है, जिन्होंने SMART के लिए आवश्यक तकनीकों का विकास किया है ।
- पानी के अंदर किसी लक्ष्य को भेदने के लिए चलने वाले टॉरपीडो, स्व-प्रणोदित हथियार की सीमा सीमित होती है।
- यह प्रणाली मिसाइल सिस्टम के प्रक्षेपण प्लेटफॉर्म के संदर्भ में लचीलापन भी प्रदान करता है।
यह महत्वपूर्ण क्यों है?
- SMART एंटी-सबमरीन युद्धकला में एक युद्ध का रुख बदलने वाला तकनीकी प्रदर्शन है।
- हिंद महासागर क्षेत्र में चीन के बढ़ते प्रभाव को ध्यान में रखते हुए भारत की पनडुब्बी रोधी युद्ध क्षमता का निर्माण महत्वपूर्ण है।
- पनडुब्बी प्लेटफार्मों से परमाणु हथियार लॉन्च करने की क्षमता का भारत के “पहले उपयोग नहीं करने की” नीति के प्रकाश में बहुत सामरिक महत्व है।
भारत द्वारा हाल ही में नौसेना की उपलब्धियाँ
शौर्य
- यह देश में ही विकसित परमाणु सक्षम हाइपरसोनिक मिसाइल है जिसकी लगभग 1,000 किमी की मारक दूरी का सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया था।
- शौर्य पनडुब्बी-प्रक्षेपित K-15 मिसाइल के समानांतर स्थल से छोड़ी जाने भूमि है ।
K-4 मिसाइलें
- DRDO ने हाल ही में K परिवार की K-4 मिसाइलों के दो सफल परीक्षण किए हैं।
- DRDO द्वारा विकसित इस मिसाइल की दूरी 3,500 किमी है।
- मिसाइल को भारत की अरिहंत श्रेणी की परमाणु पनडुब्बियों के साथ एकीकरण के लिए विकसित किया जा रहा है।
उत्तरः 2)B
व्याख्या
भारत और म्यांमार ने साल 2021 की पहली तिमाही तक सित्तवे बंदरगाह के परिचालन को शुरू करने पर सहमति जताई. सेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे और विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने म्यामांर की यात्रा के दौरान कहा कि कोरोना महामारी (कोविड-19) के बावजूद अगले वर्ष 2021 की पहली तिमाही तक सित्तवे पोर्ट पर ऑपरेशन शुरू कर दिया जाएगा.
सितवे बंदरगाह के बारे में
- यह भारत द्वारा म्यांमार में राखीन राज्य की राजधानी सिटवे में वर्ष 2016 में निर्मित एक गहरे पानी वाला बंदरगाह है।
- यह बंदरगाह कलादान नदी के मुहाने पर स्थित है और इसका भारत द्वारा कलादान बहु-मॉडल पारगमन परिवहन परियोजना के एक भाग के रूप में वित्तपोषण किया जा रहा है।
कालादान बहु-मॉडल पारगमन परिवहन परियोजना
- कलादान परियोजना म्यांमार में सितवे बंदरगाह को भारत-म्यांमार सीमा से जोड़ती है।
- यह परियोजना भारत और म्यांमार द्वारा संयुक्त रूप से शुरू की गई थी, जिसका उद्देश्य म्यांमार के पूर्वी बंदरगाहों से म्यांमार से होकर देश के उत्तर-पूर्वी भागों तक माल लदान के लिए एक बहु-मॉडल प्लेटफॉर्म बनाना था।
- म्यांमार में, यह सितवे बंदरगाह को कलादान नदी नावमार्ग के माध्यम से चिन राज्य में पेलेट्वा को जोड़ेगा और फिर पलेट्वा सड़क मार्ग से पूर्वोत्तर भारत में मिजोरम राज्य को जोड़ेगा।
महत्व
- यह परियोजना कोलकाता से सितवे तक की दूरी को लगभग 1328 किमी कम कर देगी।
- यह संकरे सिलीगुड़ी गलियारे से माल के परिवहन की आवश्यकता को भी कम करेगा जिसे मुर्गे की गर्दन के रूप में भी जाना जाता है।
नोट:
- भारत ने चिन राज्य में ब्यानु/सार्सिचॉक में सीमा हाट पुल के निर्माण के लिए दो मिलियन अमेरिकी डॉलर की अनुदान की भी घोषणा की है, जोकि मिज़रोम और म्यांमार के बीच आर्थिक संपर्कों को बढ़ाएगा।
2 मिलियन अमेरिकी डॉलर के अनुदान की घोषणा
- भारतीय पक्ष ने उग्रवादी गुटों के 22 कैडरों को सौंपने के लिए भी म्यांमार की प्रशंसा की.
- भारत द्वारा म्यांमार के चिन राज्य (Chin State) में बायन्यू/सरिसचौक में सीमा बाज़ार के निर्माण के लिये 2 मिलियन अमेरिकी डॉलर के अनुदान की घोषणा की गई.
- यह पहल मिज़ोरम और म्यांमार के बीच संपर्क को बेहतर बनाने में सहायक होगी.
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